हिन्दी साहित्य का इतिहास लेखन परंपरा I History writing tradition of Hindi literature


                   

हिन्दी साहित्य का इतिहास लेखन परंपरा  

1.            गार्सा – द तासी :- इत्स्वार द-ला लितरेत्युर एन्दुई (फ्रेंच भाषा में)टिप्पणी :- प्रथम भाग का प्रकाशन ई. 1839 ई., द्वितीय भाग, 1847 ई. पुन: संशोधित द्वितीय संस्करण का प्रकाशन 1871 ई. तथा संपूर्ण ग्रन्थ को तीन खण्डों में विभक्ति किया गया.    
2.            शिवसेंगर सरोज (1883 ई.) – शिवसिंह सरोज 1883 ई. टिप्पणी – हिन्दी भाषा में लिखा गया यह प्रथम साहित्येतिहास ग्रन्थ. मूलतः यह ग्रन्थ काव्य संग्रह है, जिसमें एक हजार कवियों को जीवन वृत्त संकलित है. डॉ. नगेन्द्र द्वारा संपादित पुस्तक में ‘शिवसिंह सरोज’ का प्रकाशन काल 1883 ई. दिया हुआ है, जबकि डॉ. रामस्वरूप चतुर्वेदी ने 1878 ई. माना है. डॉ. राम कुमार वर्मा 1883 ई. में ‘सरोज’ का पहला संस्करण मानते हैं, जबकि राम स्वरूप चतुर्वेदी ने 1883 ई. में इसका द्वितीय संस्करण प्रकाशित होना लिखा है. सच यह है कि ‘शिवसिंह सरोज’ का पहला संस्करण 1878 ई. में प्रकाशित हुआ और दूसरा संस्करण 1883 ई. में प्रकाशित होना लिखा है. सच यह है कि ‘शिवसिंह सरोज’ का पहला संस्करण 1887 ई. में प्रकाशित हुआ और दूसरा संस्करण 1883 में प्रकाशित हुआ. आलोच्य ग्रन्थ के आधार स्रोत के रूप में ‘सेंगर’ ने चौदह ग्रंथों का उल्लेख किया. 
 3.            जार्ज ए. ग्रियर्सन :- द-मार्डन वर्नाक्युलर लिटरेचर ऑफ़ हिन्दुस्तान (अंग्रेजी भाषा में)टिप्पणी – ग्रियर्सन का साहित्येतिहास ग्रन्थ के प्रकाशन काल को कुछ इतिहासकार 1888 ई. लिखते हैं और कुछ ऐसे भी हैं जो 1889 ई. में लिखते हैं इसका कारण है कि ‘एशियाटिक सोसाईटीऑफ़ बंगाल’ पत्रिका के विशेषांक के रूप में इसका प्रकाशन 1883 ई. हुआ था, जबकि स्वतंत्र ग्रन्थ के रूप में इसका प्रकाशन 1889 ई. में हुआ.    
  4.            मिश्रबन्धु (श्याम बिहारी मिश्र, शुकदेव बिहारी मिश्र, गणेश बिहारी मिश्र) – मिश्रबन्धु विनोद – चार भागों मेंविभक्त है, प्रथम तीन भाग का प्रकाशन काल 1913 ई. तथा चतुर्थ भाग का प्रकाशन काल 1934 ई. में हुआ.    
   5.            आचार्य रामचन्द्र शुक्ल – साहित्य का इतिहास (1929) – टिप्पणी – सर्वप्रथम शुक्ल जी का साहित्यिक ग्रन्थ काशी नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा प्रकाशित ‘हिन्दू शब्द सागर’ की भूमिका में ‘हिन्दी साहित्य का विकास’ शीर्षक से जनवरी 1929 ई. में प्रकाशित हुआ था. जिसे शुक्ल जी ने 1929 ई. में ही परिवर्तित तथा परिमार्जित कर ‘हिन्दी साहित्य का इतिहास’ शीर्षक से स्वतंत्र ग्रंथ के रूप में प्रकाशित कराया. पुन इस ग्रन्थ का संशोधित-संवर्धित संस्करण ग्रन्थ के रूप में प्रकाशित कराया. पुन इस ग्रन्थ का संशोधित-संवर्धित संस्करण 1940 ई. में प्रकाशित हुआ.    
6.            श्यामसुन्दर दासक. हिन्दी भाषा और साहित्य – 1939 ई. में
ख. हिन्दी भाषा का विकास – 1934 ई. में     
7.            सूर्यकान्त शास्त्री – हिन्दी साहित्य का विवेचनात्मक इतिहास – 1934 ई.   
8.            अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ – हिन्दी भाषा और उसके साहित्य का इतिहास – 1934 ई. में.    
9.            कृष्ण शंकर शुक्ल – आधुनिक हिन्दी साहित्य का इतिहास – 1934 ई. में 
10.            डॉ. रामकुमार वर्मा – हिन्दी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास – 1938 ई. में 
11.            श्री कृष्ण लाल – आधुनिक हिन्दी का विकास – 1941 ई. में 
12.            विश्वनाथ प्रसाद मिश्रक. हिन्दी साहित्य का अतीत दो खंडो में प्रकाशित साहित्येतिहास गरंथ, प्रथम भाग 1959 ई. में द्वितीय भाग 1960 ई. में प्रकाशित ख. वांग्मय विमर्श – 1944 ई. में 
13.            लक्ष्मी सागर वार्ष्णेय – क. आधुनिक हिन्दी साहित्य की भूमिका – 1952 ई. में ख. बीसवीं शताब्दी हिन्दी साहित्य : नए सन्दर्भ ग. हिन्दी उपन्यास : उपलब्धियां घ. आधुनिक हिन्दी कहानी का परिपार्श्व ड. हिन्दी साहित्य का मानक इतिहास 
14.            आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी. हिन्दी साहित्य की भूमिका – 1940 ई. दस अध्यायों में विभक्त ग्रन्थ ख. हिन्दी साहित्य का आदिकाल – 1952 ई. में ग. हिन्दी साहित्य (उसका उद्भव और विकास – 1952 ई. में प्रकाशित) डॉ. नगेन्द्र ने द्विवेदी जी के आलोच्य इतिहास ग्रन्थ का शीर्षक हिन्दी साहित्य उद्भव और विकास बताया है. टिप्पणी – आलोचनात्मक ग्रन्थ – नथ सिद्धों की बानियाँ, नाथ संप्रदाय, मध्ययुगीन धर्म साधना, मध्ययुगीन बोध का स्वरूप 
15.            डॉ. नगेन्द्रक. हिन्दी साहित्य का इतिहास – 1973 ई. . हिन्दी वांग्मय बीसवीं शताब्दी ग. रीतिकाव्य की भूमिका 
16.            डॉ. गणपति चन्द्र गुप्त – हिन्दी साहित्य का वैज्ञानिक इतिहास (दो भागों में विभक्त, प्रकाशन 1965 ई. में 
17.            डॉ. रामखेलावन पाण्डेय – हिन्दी साहित्य का वैज्ञानिक इतिहास (दो भागों में विभक्त, प्रकाशन 1965 ई. में) 
18.            डॉ. रामस्वरूप चतुर्वेदी  - क. हिन्दी साहित्य और संवेदना का विकास (व्यास सम्मान से साहित्येतिहास ग्रन्थ प्रकाशन – 1986 ई. में) 
19.            बच्चन सिंहक. हिन्दी साहित्य का दूसरा इतिहास – 1996 ई. ख. आधुनिक हिन्दी साहित्य का इतिहास 
20.            डॉ. नामवर सिंह आधुनिक हिन्दी साहित्य की प्रवृत्तियाँ – 1954 ई. 
21.            आ. नन्ददुलारे वाजपेयी  - क. हिन्दी साहित्य: बीसवीं शताब्दी – 1942ई. में. ख. आधुनिक साहित्य – 1950 ई. में 
22.            अज्ञेय – हिन्दी साहित्य : एक आधुनिक परिदृश्य – 1942 ई. में 
23.            राहुल संकृत्यायनक. हिन्दी काव्य धारा – 1944 ई. में.ख. हिन्दी के प्राचीन कवि एवं कविताएँ
गा. दखिनी हिन्दी काव्यधारा 
24.            डॉ. उदय नारायण तिवारी – हिन्दी भाषा : उद्भव और विकास 
25.            डॉ. रमाशंकर शुक्ल ‘रसाल’ – हिन्दी साहित्य का इतिहास 
26.            डॉ. राममूर्ति त्रिपाठी – क. हिन्दी साहित्य का इतिहास ख. आदिकालीन हिन्दी साहित्य की पृष्ठ भूमि 
27.            शिव कुमार शर्मा – हिन्दी सहित्य : युग और प्रवृत्तियाँ 
28.            चतुरसेन शास्त्री – हिन्दी भाषा और साहित्य का इतिहास – 1949 ई. में 
29.            डॉ. वासदेव सिंह – हिन्दी भाषा और साहित्य का उद्भव काल 
30.            डॉ. धीरेन्द्र वर्मा – हिन्दी साहित्य 
31.            डॉ. भगवंत स्वरूप मिश्र – हिन्दी आलोचना : उद्भव और विकास 
32.            डॉ. शम्भूनाथ सिंह – हिन्दी काव्य की सामजिक भूमिका 
33.            नलिन विलोचन शर्मा – साहित्य का इतिहास दर्शन – 1960 ई.में. 
34.            डॉ. गुलाब राय. हिन्दी साहित्य का सुबोध इतिहास – 1938 ई. में ख. हिन्दी काव्य विमर्श 
35.            पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी – हिन्दी साहित्य विमर्श 
36.            सुमन राजेक. हिन्दी साहित्य का आधा इतिहास – 2003 . साहित्येतिहास संरचना और स्वरूप 
37.            हिन्दी साहित्य का वृहत इतिहास – काशीनागरी प्रचारिणी सभा द्वारा सोलह भागों में प्रकाशित एवं 18 भाषाओँ में प्रस्तुत करने की योजना 
38.            प्रभाकर माचवे – हिन्दी साहित्य की कहानी 
39.            डॉ. भागीरथ मिश्र – हिन्दी काव्यशास्त्र का इतिहास 
40.            डॉ. विजयेंद्र स्नातकक. हिन्दी साहित्य का इतिहास – 1996 ई. में . राधावल्लभ संप्रदाय : सिद्धांत और साहित्य 
41.            श्री प्रभुदयाल मितल – चैतन्य – संप्रदाय और उसका साहित्य 
42.            श्री चन्द्रकान्त बाली – पंजाब-प्रांतीय हिन्दी साहित्य का इतिहास 
43.            डॉ. टीकम सिंह ‘तोमर’ – हिन्दी वीर काव्य 
44.            डॉ. मोतीलाल मेनारियाक. राजस्थानी भाषा और साहित्य ख. राजस्थानी पिंगल साहित्य 
45.            सियाराम तिवारी – मध्यकालीन खंडकाव्य 
46.            डॉ. महेन्द्र कुमार – हिन्दी का मध्यकाल : रीतिकाल 
47.            डॉ. सुधीर कुमार – रीतिकालीन अध्ययन 
48.            राजेन्द्र प्रसाद सिंह – हिन्दी साहित्य का सबाल्टार्न इतिहास 
49.            पादरी एडसिन ग्रीब्ज – स्केच ऑफ़ हिन्दी लिटरेचर (अंग्रेजी भाषा, प्रकाशन 1918 ई. में 
50.            पादरी एफ. ई. के. ई. – एहिस्त्री ऑफ़ हिन्दी लिटरेचर 
51.            डॉ. शिवकुमार मिश्र – हिन्दी साहित्येतिहास के सिद्धांत  

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