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कजयशंकर प्रसाद के नाटक
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प्रसाद के नाटक
1. उर्वशी चम्पू
2. सज्जन – 1910
3. प्रायश्चित – 1913
4. कल्याणी परिणय – 1912
5. करुणालय – 1912
6. राज्यश्री – 1915
7. विशाख – 1921
8. अजातशत्रु – 1922 n
9. जनमेजय का नाग यज्ञ – 1926
10. कामना – 1927
11. स्कन्दगुप्त विक्रमादित्य – 1928
12. एक घूँट – 1030
13. चन्द्रगुप्त – 1931
14. ध्रुवस्वामिनी – 1933
15. अग्निमित्र
1. उर्वशी चम्पू
पात्रों का नाम :
क. उर्वशी
ख. पुरुवा
ग. सुरेन्द्र
2. सज्जन
पात्रों का नाम :-
क. नटी
ख. सूत्रधार
ग. युधिष्ठिर
घ. भीम
ङ. अर्जुन
च. नकुल
छ. सहदेव
ज. द्रौपदी
झ. दुर्योधन
ञ. दुश्शासन
ट. कर्ण
ठ. शकुनि
ड. चित्रसेन (गन्धर्वराज)
ढ. सेनापति (गन्धर्व सेना का)
ण. विद्दाधर सैनिक
त. राक्षस
थ. विदूषक
3. प्रायश्चित
पात्रों का नाम :
क. जयचंद
ख. मंत्री
ग. सेनापति
घ. शफकत
ङ. चर
च. गोरी के दरबारी
छ. दो विद्दाधारियाँ – विहारिणी, विलासिनी
4. कल्याणी परिणय
पात्रों का नाम :-
क. चाणक्य
ख. चन्द्रगुप्त
ग. इन्दुशर्मा
घ. चण्डविक्रम
ङ. सिल्यूक्स
च. मेगास्थिनिज
छ. साइबर्टियस
ज. दौवारिक
झ. चर
ञ. कार्नेलिया : कल्याणी
ट. एलिस
ठ. तरलिका, चार नर्त्तकिया
5. करुणालय (गीतिनाट्य)
पात्रों का नाम :
पुरुष पत्र :-
क. हरिश्चन्द्र : अयोध्या के माहराज
ख. रोहित : युवराज
ग. वसिष्ठ : ऋषि
घ. विश्वामित्र : ऋषि
ङ. शुन:शेफ : अजीगर्त के सौ पुत्रों में ज्येष्ठ
च. ज्योतिष्मान् : सेनापति
महिला पत्र :-
छ. तारिणी
ज. सुव्रता : दासी-रूप में विश्वामित्र की गन्धर्व-विवाहिता स्त्री
6. राज्यश्री
क. राज्यश्री : कन्नौजराज ग्रहवर्मा की रानी
ख. अमला, कमला, विमला : राज्यश्री की सखियाँ
ग. सुरमा : एक मालिन
घ. हर्षवर्द्धन : स्थाण्वीश्वर का राजकुमार; फिर भारत का सम्राट
ङ. दिवाकरमित्र : एक महात्मा
च. नरेन्द्रगुप्त : गौड़ का राजा
छ. राज्यवर्धन : स्थाण्वीश्वर का राजकुमार
ज. भण्डि : सेनापित
झ. नरदत्त : मालव का सैनिक
ञ. सुएनच्वांग : चीनी यात्री
ट. पुलकेशिन : चालुक्य – नरेश
ठ. धर्मसिद्धि; शीलसिद्धि : दो भिक्षु
ड. शान्तिदेव : भिक्षु फिर दस्यु विकट घोष
ढ. देवगुप्त : मालवराज
ण. मधुकर : उसका सहचर
त. ग्रहवर्मा : कन्नौज का राजा
दौवारिक, सहचर, प्रहरी, दस्यु, सैनिक, प्रतिहारी, दूत, मंत्री,नागरिक आदि.
7. विशाख
पात्रों का नाम :
क. नरदेव : कश्मीर का राजा
ख. महापिंगल : राजा का सहचर
ग. सुश्रवा : नागसरदार
घ. विशाख : ब्राह्मण नागरिक
ङ. प्रेमानन्द : सन्यासी
च. सत्यशील : कानीर विहार का बौद्ध महन्त
छ. चंद्रलेखा : सुश्रवा की कन्या
ज. इरावती : चन्द्रलेखा की बहिन
झ. रमणी : सुश्रवा की बहिन
ञ. तरला : महापिंगल की स्त्री
ट. रानी : नरदेव की स्त्री
ठ. सरला :गायिका
नाग, भिक्षु, दौवारिक, दासी, सैनिक, प्रहरी आदि.
8. अजातशत्रु
पात्रों का नाम :
पुरुष पात्र :-
क. बिम्बिसार : मगध का सम्राट
ख. अजातशत्रु (कुणिक) : मगध का राजकुमार
ग. उदयन : कौशाम्बी का राजा, मगध-सम्राट का जामाता
घ. प्रसेनजित : कोसल का राजा
ङ. विरुद्धक : (शैलेन्द्र) कोसल का रामकुमार
च. गौतम : बुद्धदेव
छ. सारिपुत्र : सद्धर्म के आचार्य
ज. आनन्द : गौतम के शिष्य
झ. देवदत्त : (भिक्षु) गौतम बुद्ध का प्रतिद्वंद्वी
ञ. समुद्रदत्त : देवदत्त का शिष्य
ट. जीवक : मगध का राजवैद्द
ठ. वसन्तक : उदयन का विदुषक
ड. बन्धुल : कोसल का सेनापति
ढ. सुदत्त : कोसल का कोषाध्यक्ष
ण. दीर्घकारायण : सेनापति बन्धुल का भांजा, सहकारी सेनापति
त. लुब्धक : शिकारी
(काशी का दण्डनायक, अमात्य, दूत, दौवारिक और अनुचरगण)
महिला पात्र :-
थ. वासवी : मगध-सम्राट की बड़ी रानी
द. छलना :मगध-सम्राट की छोटी रानी और राजमाता
ध. पद्मावती : मगध की राजकुमारी और उदयन की रानी
न. मागंधी : (श्यामा)-आम्रपाली और उदयन की रानी
ऩ. वासवदत्ता : उज्जयिनी का राजकुमारी और उदयन की राजकुमारी
प. शक्तिमती : (महामाया) – शक्यकुमारी, कोसल की रानी
फ. मल्लिका : सेनापति बन्धुल की पत्नी
ब. बाजिरा : कोसल का राजकुमारी
भ. नवीना : सेविका
विजया, सरला, कंचुकी, दासी, नर्त्तकी आदि.
9. जनमेजय का नाग यज्ञ
पात्रों का नाम :
पुरुष पात्र :-
क. जनमेजय : इन्द्रप्रस्थ का सम्राट
ख. तक्षक : नागों का राजा
ग. वासुकि : नाग सरदार
घ. काश्यप : पौरवों का पुरोहित
ङ. वेद : कुलपति
च. उत्तंक : वेद का शिष्य
छ. आस्तीक : मनसा और जरत्कारू का पुत्र
ज. सोमश्रवा : उग्रश्रवा का पुत्र और जनमेजय का नया पुरोहित
झ. च्यवन : महर्षि द्वैयापन
ञ. वेदव्यास : कृष्ण द्वैयापन
ट. त्रिविक्रम : वेद का दूसरा विद्यार्थी
ठ. माणवक : सरमा और वासुकि का पुत्र
ड. जरत्कारू : ऋषि, मनसा का पति
ढ. चण्डभार्गव : जनमेजय का सेनापति
ण. तुर कावषेय : जनमेजय का ऐन्द्रमहाभिषेक करने वाला पुरोहित
त. अश्वसेन : तक्षक का पुत्र
थ. भद्रक : जनमेजय की रानी
द. शौनक : एक प्रधान ऋषि और ब्राह्मणों का नेता
दौवारिक, सैनिक, नाग, दास आदि.
महिला पत्र : -
ध. वपुष्टमा : जनमेजय की रानी
न. मनसा : जरत्कारू की स्त्री और वासुकि की बहिन
ऩ. सरमा : कुकुर वंश की यादवी
प. मणिमाला : तक्षक की कन्या
फ. दामिनी : वेद की पत्नी
ब. शीला : सोमश्रवा की पत्नी
दासियाँ और परिचारिकायें आदि.
10. कामना
पात्रों का नाम :
क. संतोष
ख. विनोद
ग. विलास
घ. विवेक
ङ. शान्तिदेव
च. दम्भ
छ. कामना
ज. दुर्वृत
झ. कामना
ञ. लीला
ट. लालसा
ठ. करुणा
ड. प्रमदा
ढ. वनलक्ष्मी
ण. महत्वकांक्षा
वृद्ध, युवा, बालक, नागरिक, सैनिक, आगन्तुक, द्वीपवासी, शिकारी, बन्दी, माता, बालिका, अन्य स्त्रियाँ आदि.
11. स्कन्दगुप्त
पात्रों का नाम :-
पुरुष पात्र :-
क. स्कन्दगुप्त : युवराज (विक्रमादित्य)
ख. कुमारगुप्त : मगध का सम्राट
ग. गोविन्दगुप्त : कुमारगुप्त का भाई
घ. पर्णदत्त : मगध का महानायक
ङ. चक्रपालित : पर्णदत्त का पुत्र
च. बन्धुवर्मा : मालव का राज
छ. भीमवर्म्मा :बन्धुवर्मा का भाई
ज. मातृगुप्त : काव्यकर्त्ता कालिदास
झ. प्रपंचबुद्धि : बौद्धधर्म कापालिक
ञ. शर्वनाग : अंतर्वेद का विषयपति
ट. कुमारदास (धातुसेन) : सिंहल का राजकुमार
ठ. पुरगुप्त : कुमार गुप्त का छोटा पुत्र
ड. भटार्क : नवीन महाबलाधिकृत
ढ. पृथ्वीसेन :मंत्री कुमारामात्य
ण. खिंगिल
त. : हुण आक्रमणकारी
थ. मुद्गल : विदूषक
द. प्रख्यातकीर्ति : लंकराज कुल का श्रमण, महाबोधि-विहार-स्थविर
महाप्रतिहार, महादंडनायक, नंदीग्राम का दण्डनायक, प्रहरी, सैनिक आदि.
महिला पात्र :-
ध. देवकी : कुमारगुप्त की बड़ी रानी – स्कन्द की माता
न. अनन्त देवी : कुमारगुप्त की छोटी रानी – पुरगुप्त की माता
ऩ. जयमाला : बन्धुवर्मा की स्त्री-मालवा की रानी
प. देवसेना : बन्धुवर्मा की बहिन
फ. विजया : मालव के धनकुबेर की कन्या
ब. कमला : भटार्क की जननी
भ. रामा : शर्वनाग की स्त्री
म. मालिनी : मातृगुप्त की प्रणयिनी
सखी, दासी आदि.
12. एक घूँट
पात्रों का नाम :
क. अरुणाचल आश्रम
अरुणाचल पहाड़ी के समीप, एक हरे-भरे प्राकृतिक वन में कुछ लोगों ने मिलकर एक स्वास्थ्य-निवास बसा लिया है. कई परिवारों ने उसमें छोटे-छोटे स्वच्छ घर बना लिये है. उन लोगों की जीवन यात्रा का अपना निराला ढंग है, जो नागरिक और ग्रामीण जीवन की सन्धि है. उनका आदर्श है सरलता, स्वास्थ्य और सौन्दर्य.
ख. कुंज
आश्रम का मंत्री. एक सुदक्ष प्रबन्धकारक और उत्साही संचालक सदा प्रसन्न रहने वाला अधेड़ मनुष्य
ग. रसाल
एक भावुक कवि. प्रकृति से और मनुष्यों से और उनके आचार व्यवहारों से अपनी कल्पना के लिए सामग्री जुटाने में व्यस्त सरल प्राणी.
घ. वनलता
रसाल कवि की स्त्री. अपनी पति की भावुकता से असंतुष्ट. उसकी समस्त भावनाओं को अपनी ओर आकर्षित करने में व्यस्त रहती है.
ङ. मुकुल
उत्साही तर्कशील युवक. कुतुहल से उसका मन सदैव उत्सुकता-भरी प्रसन्नता में रहता है.
च. झाड़ूवाला
एक पढ़ा-लिखा किन्तु साधारण स्थिति का मनुष्य अपनी स्त्री की प्रेरणा से उस आश्रम में रहने लगता है; क्योंकि उस आश्रम में कोई साधारण काम करने वाले को लज्जित होने की आवश्यकता नहीं. सभी कुछ-न-कुछ करते थे. उसकी स्त्री के हृदय में स्त्री-जन-सुलभ लालसायें होती हैं, किन्तु पूर्ति का कोई उपाय नहीं.
छ. चंदुला
एक विज्ञापन करने वाला विदूषक.
ज. प्रेमलता
मुकुल की दूर से संबंध की बहन. एक कुतुहल से भरी कुमारी. उनके मन में प्रेम और जिज्ञासा भरी है.
13. चन्द्रगुप्त
पात्रों का नाम :
पुरुष पत्र :-
क. चाणक्य (विष्णुगुप्त) : मौर्य-साम्राज्य का निर्माण
ख. चन्द्रगुप्त : मौर्य सम्राट
ग. नन्द : मगध सम्राट
घ. राक्षस : मगध का अमात्य
ङ. वररूचि (कात्यायन) : मगध का अमात्य
च. शकटार : मगध का मंत्री
छ. आम्भीक : तक्षाशिला का राजकुमार
ज. सिंहरण : मालव गण-मुख्य का कुमार
झ. पर्वतेश्वर :पंजाब का राजा (पोरस)
ञ. सिंकदर : ग्रीक-विजेता
ट. फिलिप्स : सिंकदर का क्षत्रप
ठ. मौर्य-सेनापति : चन्द्रगुप्त का पिता
ड. एनीसी क्रिटीज : सिंकदर का सहचर
ढ. देवल, नागदत्त गुणमुख्य : मालव गणतंत्र के पदाधिकारी
ण. साइबर्टियस, मेगास्थनीज : यवन दूत
त. गन्धार-नरेश : आम्भीक का पिता
थ. सिल्यूकस : सिकन्दर सेनापति
द. दण्डयायन : एक तपस्वी
महिला पात्र :-
ध. अलका : तक्षशीला की राजकुमारी
न. सुवासिनी : शकटार की कन्या
ऩ. कल्याणी : मगध राजकुमारी
प. लीला, नीला : कल्याणी की सहेलियाँ
फ. मालविका : सिन्धु देश की कुमारी
ब. कार्नेलिया : सिल्यूक्स की कन्या
भ. मौर्य पत्नी : चन्द्र गुप्त की माता
म. एलिस : कार्नेलिया की सहेली
14. ध्रुवस्वामिनी
पात्रों का नाम :
क. खड्गधारिणी
ख. ध्रुवास्वामिनी
ग. दासी
घ. प्रतिहारी
ङ. रामगुप्त
च. शिखरस्वामी
छ. मन्दाकिनी
ज. प्रचारिका
झ. कुबड़ा
ञ. बौना
ट. हिजड़ा
ठ. चन्द्रगुप्त
ड. कोमा
ढ. शकराज
ण. खिंगल
त. एक, दूसरा, तीसरा समान्त
थ. मिहिरदेव
द. सैनिक
ध. पुरोहित
न. समान्त-कुमार
ऩ. परिषद्
15. अग्निमित्र
पात्रों का नाम :
क. सम्राट : मगध का अंतिम मौर्य राजा बृहद्रथ
ख. पुष्यमित्र : सेनापति
ग. अग्निमित्र : पुष्यमित्र का पुत्र महानायक
घ. बलमित्र : नायक और पुष्यमित्र का भ्रातृष्पुत्र
ङ. इरावती : मालव कन्या
च. भिक्षु : कुक्कुटाराम का स्थविर
-सैनिक परीइचायक-भिक्षुणियाँ-भिक्षु आदि.
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