राजभाषा हिन्दी II प्रमुख अनुच्छेद सविधान में वर्णित हिन्दी भाषा के विषय में
राजभाषा हिन्दी
विश्व के प्रत्येक राष्ट्र में राज काज के लिए
भाषा की आवश्यकत होती है. ऐसी भाषा राजभाषा के रूप में जानी जाती है. भारत में
ग्यारहवीं-बारहवीं शताब्दी से ही हिन्दी विस्तृत क्षेत्र में बोली जा रही थी. मुगल
काल में फारसी राजभाषा के पद पर प्रतिष्ठा थी, किन्तु सम्पर्क भाषा हिन्दी थी.
अंग्रेजी राज्य के समय अंग्रेजी को राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित किया गया था.
स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान हिन्दी ने जन संपर्क में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
उसी समय से हिन्दी को राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने का प्रयास किया जा रहा
था. स्वतंत्रता के बाद 14 सितम्बर 1949 ई. को संविधान में हिन्दी को राज्य
भाषा के रूप में मान्यता प्रदान की गई और इसी दिन यानि की 14 सितम्बर को हिन्दी
दिवस के रूप में मनाया जाता है.
राजभाषा हिन्दी की संवैधानिक स्थिति
1.
अनुच्छेद 120 – संसद में प्रयोग की जाने वाली भाषा
2.
अनुच्छेद 210 – विधान मंडलों में प्रयोग की जाने वाली
भाषा
3.
अनुच्छेद 343 – संघ की राजभाषा
4.
अनुच्छेद 344 – राजभाषा के संबंध में आयोग और संसद की
समिति
5.
अनुच्छेद 345 – राज्य की राज भाषाएँ
6.
अनुच्छेद 346 – एक राज्य और दूसरी राज्य के बीच या
किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की भाषा.
7.
अनुच्छेद 347 – किसी राज्य और दूसरे राज्य के बीच या
किसी और संघ के बीच पत्रादि की भाषा.
8.
अनुच्छेद 348 – उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालयों
में अधिनियमों, संसद के अधिनियमों विधेयकों आदि के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा.
9.
अनुच्छेद 349 – भाषा से संबंधित कुछ विधियाँ अधिनियमित
करने के लिए विशेष प्रक्रिया.
10.
अनुच्छेद 350 – व्यथा निवारण के लिए अभ्यावेदनों में
प्रयोग की जाने वाली भाषा.
(क)
– प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की
सुविधा
(ख)
भाषायी अल्पसंख्यको वर्गों के लिए विशेष अधिकारी
की नियुक्ति
11.
अनुच्छेद 351 – हिन्दी भाषा के विकास के लिए निर्देश
टिप्पणी – अनुच्छेद 344 के अंतर्गत
1955 ई. में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने राजभाषा आयोग का गठन
किया जिसमें 21 सदस्य थे. उनके प्रथम अध्यक्ष उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश
बी. जी. खेर थे. इस समिति के सुझावों पर विचार करने के लिए 19757 ई. संसदीय
राजभाषा समिति का गठन हुआ. जिसके अध्यक्ष जी. पी. पन्त थे. भारतीय संविधान की आठवीं
अनुसूची में 18 भाषाएँ शामिल थी, जो अब बढकर 22 हो गई हैं.
जिसमें हिन्दी भाषा का चतुर्थ स्थान हैं.
Bahut achchhi jankari hai Bhai rajbhasha Hindi ke vishay me .....
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