बिहारी उपभाषा वर्ग II बिहारी हिन्दी II हिन्दी भाषा की बोली II बिहारी हिंदी की बोलियाँ II पूर्वी हिंदी की बोलियाँ II bihari hindi ki boliyan II bihari hindi II bihari language
बिहारी उपभाषा वर्ग II बिहारी हिन्दी II हिन्दी भाषा की बोली II बिहारी हिंदी की बोलियाँ II पूर्वी हिंदी की बोलियाँ II bihari hindi ki boliyan II bihari hindi II bihari language
मैथिली (Maithili bhasha)
Maithili language – यह बोली उत्तरी बिहार राज्य में बोली जाती है. गंगा के उत्तर
चम्पारण-सारन जिलों को छोड़कर संपूर्ण क्षेत्र इसी बोली का है. इसका केन्द्र दरभंगा
है. इस बोली की अपनी एक प्राचीन लिपि मैथिली हजी. मैथिली में कुछ प्राचीन साहित्य
भी मिलता है, जिनमें विद्दापति की पदावली प्रमुख है.
मगही (magahi
bhasha) magahi language - प्राचीन मगध जनपद से संबंध मागधी का ही अपभ्रंश
रूप मगही है. यही बोली बिहार राज्य में गंगा केदक्षिण भाग में पटना, गया और
हजारीबाग जिलों में बोली जाती है. इस बोली में कोई विशेष साहित्य नहीं है. इसकी
अपनी एक लिपि भी है जिसे कैथी लिपि कहते हैं.
भोजपुरी (Bhojpuri bhasha)
Bhojpuri language – यह प्राचीन काशी जनपद की बोली है. इसका नाम बिहारी के शाहाबाद जिले
के एक गाँव भोजपुर के नाम पर पड़ा है, पर इसका क्षेत्र अत्यंत विस्तृत है. पूर्वी
उत्तर प्रदेश के बनारस, मिर्जापुर, गाजीपुर, जौनपुर, आजमगढ़, बलिया, गोरखपुर,
देवरिया, बस्ती से लेकर बिहार के शाहाबाद, पलामू, राँची, सारन, चम्पारण जिलों तक
यह बोली जाती है. इस बोली का क्षेत्र अत्यंत विस्तृत है और बोलनेवाले की संख्या भी
करोड़ों में है पर इसमें साहित्य-रचना नहीं हुई. इसका मुख्य कारण यह है कि काशी
जनपद की राजधानी सदैव हिन्दी के साहित्यिक रूपों को निखारने और सजाने में रूचि
लेती रही. इधर भोजपुरी में कुछ नया साहित्य और पत्र-पत्रिकाएँ प्रकाशित हो रही है.
अंगिका (angika
bhasha) angika language (अंगिका भाषा क्या है) – मैथिली बोली का
ही एक रूप इधर ‘अंगिका’ के नाम से नवीन बोली के रूप में कहा जाने लगा है. मुंगेर
और भागलपुर जिलों में यह बोली जाती है. अंगिका नाम प्राचीन ‘अंग’ जनपद के आधार पर
रखा गया.
वज्जिका (vajjika
bhasha) vajika language – इसी प्रकार मुजफ्फरपुर के आसपास (मुजफ्फरपुर
की भाषा) की बोली को बज्जिका नाम दिया गया. यह प्राचीन बृजि या वज्जि जनपद से
संबंधित थी.
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