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निपात II निपात शब्द किसे कहते हैं II निपात शब्द का अर्थ II निपात का हिंदी अर्थ II निपात examples II अनुपात के प्रकार II निपात के कितने भेद होते हैं II nipat in hindi II what is nipat in hindi II types of nipat in hindi

निपात II निपात शब्द किसे कहते हैं II निपात शब्द का अर्थ II निपात का हिंदी अर्थ II निपात examples II अनुपात के प्रकार II निपात के कितने भेद होते हैं II nipat in hindi II what is nipat in hindi II types of nipat in hindi यास्क के अनुसार निपात शब्द के अनेक अर्थ हैं, इसलिए ये निपात कहे जाते हैं-उच्चावच्चेषु अर्थेषु निपतन्तीती निपात: यह पाद का पूरण करने वाला होता है – ‘निपात: पादपुरणा:’ परिभाषा : निपातों का प्रयोग निश्चित शब्द , शब्द समूह अथवा पूरे वाक्य को अन्य भावार्थ प्रदान करने के लिए होता है. इसके अलावा निपात , सहायक शब्द होते हुए भी वाक्य के अंग नहीं हैं. हाँ, वाक्य में इसके प्रयोग से उस वाक्य का समग्र अर्थ व्यक्त होता है. निपात का कोई लिंग, वचन नहीं होता. मूलतः इसका प्रयोग अव्ययों के लिए होता है. यद्दपि की निपात शुद्ध अव्यय नहीं है, लेकिन सामान्य रूप से यह अव्यय ही है. इसका प्रयोग अधिकतर शब्द-समूह के बाद होता है. उदाहरणार्थ : 1. क्या आप सुन रहे हैं? (क्या निपात है)            2. इस बात को एक मुर्ख भी जानता ...

हिन्दी की कितनी बोलियाँ हैं II हिंदी की उपभाषाएँ कितनी है II hindi bhasha ki boliyan II hindi bhasha ki boliyan ki sankhya II bihari hindi ki boliyan II hindi ki upboliya II hindi bhasha ki upbhasha hai II hindi ki kitni upbhasha hai II hindi bhasha ki upbhasha hai

हिन्दी की कितनी बोलियाँ हैं II हिंदी की उपभाषाएँ कितनी है II hindi bhasha ki boliyan II hindi bhasha ki boliyan ki sankhya II bihari hindi ki boliyan II hindi ki upboliya II hindi bhasha ki upbhasha hai II hindi ki kitni upbhasha hai II hindi bhasha ki upbhasha hai II paschimi hindi ki boliyan II बिहारी हिंदी की बोलियाँ II हिंदी की प्रमुख बोलियों का उल्लेख कीजिए II हिंदी भाषा क्षेत्र की प्रमुख बोलियों का संक्षिप्त परिचय दीजिए II हिंदी भाषा क्षेत्र की प्रमुख बोलियों का संक्षिप्त परिचय दीजिए भाषा अकेले अस्तित्व विहीन होती है जिस प्रकार भिन्न-भिन्न श्रृंखलाओं एक जंजीर बनती है. उसी प्रकार अनेक उप भाषा एवं बोलियों से एक सुदृढ़भाषा का निर्माण होता है. भाषा के विविध रूपों के अंतर्गत मूल भाषा से लेकर   व्यक्तिगत बोली तक का अपना विशिष्ट स्थान होता है. वैसे तो हिन्दी भाषा का क्षेत्र अत्यंत विस्तृत है और ऐतिहासिक दृष्टि से हिन्दी उस प्राचीन संस्कृत शौरसेनी प्राकृत और शौरसेनी अपभ्रंश के क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती है, जो अपने समय में सर्वाधिक विशाल प्रदेश रहा है. डॉ. सुमीतकुमार ...

तुलसीघाट से शुरू हुआ रामकथा का प्रचलन II राम कथा II राम कथा क्या है II राम कथा साहित्य II तुलसी घाट वाराणसी उत्तर प्रदेश II रामकथा उत्पत्ति और विकास PDF II ramayan tulsi katha II tulsi krit ramayan

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तुलसीघाट से शुरू हुआ रामकथा का प्रचलन II राम कथा II राम कथा क्या है II राम कथा साहित्य II   तुलसी घाट वाराणसी उत्तर प्रदेश II  रामकथा उत्पत्ति और विकास PDF II ramayan tulsi katha II tulsi krit ramayan   तुलसी घाट वाराणसी  गोस्वामी तुलसीदास (tulsi das) महाराज का तुलसीघाट (tulsi ghat banaras), tulsi ghat varanasi ही घर था. श्रीरामचरितमानस के किष्किन्धाकाण्ड , सुन्दरकांड , लंकाकांड और उत्तरकाण्ड या यों कहिए मानस को यहीं असि-गंग के तीर पर ही रहकर पूरा किया. यह क्षेत्र तब असि क्षेत्र के नाम से जाना था. गोस्वामी के निवास के कारण कालान्तर में इसे तुलसीघाट कहा गया. उनका 500 वर्ष पुराना निवास आज तुलसी मंदिर कहा जाता है. यहाँ अखाड़ा भी स्थापित किया जहाँ श्रीराम कथा का प्रचलन उनके समय से शुरू हुआ. उन्होंने काशी में रामलीलाएं भी शुरू कराईं. तुलसी मंदिर में ऊपरी तल पर प्रभु श्रीराम-लक्ष्मण-सीता विराजमान हैं. मूल में गोस्वामीजी के इष्ट दक्षिणमुखी बालस्वरूप हनुमानजी सुशोभित हैं. गोस्वामीजी ने 75 वर्ष की आयु में यहाँ श्रीरामचरितमानस लिखना शुरू किया. लिखा-संवत ...

रामकथा : आख्यान की नई दृष्टि II राम भक्ति काव्य II राम काव्य II रामराज्य की अवधारणा II राम काव्य परंपरा में तुलसी का स्थान II राम भक्ति काव्य पर टिप्पणी II राम भक्ति धारा

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रामकथा : आख्यान की नई दृष्टि II राम भक्ति काव्य II राम काव्य II रामराज्य की अवधारणा II राम काव्य परंपरा में तुलसी का स्थान II राम भक्ति काव्य पर टिप्पणी II राम भक्ति धारा  II  ramkavya parampara   रामराज्य वर्णन   रामराज्य वर्णन विश्व साहित्य में रामकथ के अतिरिक्त शायद ही कोई ऐसा आख्यान हो, जिसके इतने अधिक पाठ, अर्थ-संरचनाएं और आयाम हैं. वाल्मीकि रामायण से लेकर अद्दावधि सृजित उपलब्ध सैकड़ों कृतियों के बावजूद उक्त आख्यान को नित नए सन्दर्भों में आज भी लिखा जा रहा है. सामयिक प्रासंगिता के अनुकूल उसका मुल्यांकन, पुर्नमूल्यांकन भी किया जा रहा है. फिल्म कलाकार आशुतोष राना ने एक उपन्यास के रूप में ‘ रामराज्य’ शीर्षक से रामकथा में अनेक नवीन और मौलिक उद्भावनाएं की हैं. श्रीराम के चरित्र को पूरी मर्यादा के साथ चित्रित करने में उन्हें सफलता मिली है. राम वनगमन से लेकर सीता परित्याग की ग्यारह सर्गों में निबद्ध यह कथा पाठक को बाँधे रखती है. कैकेई प्रसंग में लेखक ने अभिनव आख्यान की रचना करते हुए राम वनगमन और भरत के राज्याभिषेक का सूत्रधार श्रीराम को ही मा...

केदारनाथ अग्रवाल के प्रमुख काव्य-संकलन II केदारनाथ अग्रवाल की प्रमुख रचनाएँ II केदारनाथ अग्रवाल की रचना II केदारनाथ अग्रवाल रचना संचयन

  केदारनाथ अग्रवाल के प्रमुख काव्य-संकलन II केदारनाथ अग्रवाल की प्रमुख रचनाएँ II केदारनाथ अग्रवाल की रचना II केदारनाथ अग्रवाल रचना संचयन II kedarnath agrawal ki kritiyan  केदारनाथ अग्रवाल जी की काव्य कृतियाँ अधोलिखित हैं :-     1.             युग की गंगा - 1947       2.             लोक और आलोक - 1957       3.             आग का आईना - 1970       4.             गुलमेंहदी - 1978       5.             बम्बई का रक्त - स्नान - 1981       6.             मार प्यार की थापे - 1981       7.  ...